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मां वैष्णों देवी की कृपा से पूरी होती हैं सभी मनोकामनाएं-पंडित पवन कृष्ण शास्त्री

Bystaruknews

Apr 14, 2024

मां वैष्णों देवी की कृपा से पूरी होती हैं सभी मनोकामनाएं-पंडित पवन कृष्ण शास्त्री
हरिद्वार, 14 अप्रैल। श्री अखंड परशुराम अखाड़ा के तत्वाधान में जिला कारागार रोशनाबाद में आयोजित श्रीमद् देवी भागवत कथा के षष्टम् दिवस पर कथा व्यास भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने मां वैष्णो देवी की कथा का श्रवण कराते हुए बताया कि जम्मू क्षेत्र के कटरा गांव में श्रीधर ब्राह्मण रहते थे। जिनकी संतान नहीं थी। संतान प्राप्ति के लिए नवरात्रि में मां भगवती की पूजा किया करते थे। नवमी के दिन श्रीधर कन्या पूजन कर रहे थे। इस दौरान वैष्णवी नाम की एक कन्या ने श्रीधर से कहा कि पूरे गांव को भंडारा प्रसाद के लिए आमंत्रित करो। तुमको अवश्य संतान प्राप्त होगी। श्रीधर ने उस कन्या से कहा मेरे पास तो किसी को खिलाने के लिए कुछ भी नही है। वैष्णवी ने कहा कि सारी व्यवस्था मै कर दूंगी। तुम जाकर सबको निमंत्रण दो। उस कन्या के कहने पर श्रीधर ने सब को निमंत्रण दिया। श्रीधर के निमंत्रण पर सभी गांववासी भंडारा प्रसाद पाने के लिए श्रीधर के घर आए। भंडारा प्रसाद चल रहा था कि बाबा भैरवनाथ नामक एक संत वहा पहुंच गए और मांस एवं मदीरा की मांग करने लगे। वैष्णवी के समझाने पर भी वे नहीं समझे और वैष्णवी को पकड़ने का प्रयास करने लगे। वैष्णवी भाग कर त्रिकूट पर्वत की एक गुफा में चली गई। पीछे-पीछे भैरव भी वहां पहुंच गया। तवैष्णवी ने वहीं पर काली का रूप धारण करके भैरव का वध किया। श्रीधर भी वहां पहुंच गए और मां की प्रार्थना करने लगे। तभी वैष्णवी ने में मां काली, मां लक्ष्मी, मां सरस्वती तीन रूप में प्रकट हो कर श्रीधर को दर्शन दिया और कहा कि आज से जो भी मेरे इन तीनों रूपों का पूजन करेगा मैं उसकी समस्त मनोकामना पूर्ण करूंगी। तभी से मां काली मां लक्ष्मी एवं मां सरस्वती के रूप में मां वैष्णो देवी में विराजमान है। मां की कृपा से श्रीधर को संतान सुख मिला। शास्त्री ने बताया जो भी नवरात्रि में मां वैष्णो देवी की पूजा करता है मां वैष्णो देवी समस्त मनोकामना को पूर्ण करते हुए संतान सुख प्रदान करती है। जेल अधीक्षक मनोज आर्य ने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को मां का सम्मान और आदर करना चाहिए। मां की सेवा से बढ़कर और कोई सेवा नहीं है। श्री अखंड परशुराम अखाड़ा के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक सभी बंदियों से आग्रह करते हुए कहा कि अपने भीतर की बुराइयों को समाप्त करते हुए श्रीमद् देवी भागवत कथा का श्रवण करें और प्रतिज्ञा करें कि जीवन में कभी बुरे मार्ग पर नहीं चलेंगे। अच्छे मार्ग पर चलते हुए अपना एवं अपने माता-पिता का नाम रोशन करेंगे। इस अवसर पर अशोक कुमार, संजय चैधरी, सिद्धार्थ प्रधान, अभिषेक अहलुवालिया, अंजीत कुमार, राजकुमार, चंद्रकांत शमी, अश्मित कौशिक, हर्ष पंडित, आशीष, सोनू, शशिकांत आदि मौजूद रहे।

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