• Tue. Aug 5th, 2025

Star uk news

अपना उत्तराखंड

नवरात्रि चतुर्थ दिवस देवी भागवत कथा

Bystaruknews

Apr 12, 2024


नवरात्रि चतुर्थ दिवस देवी भागवत कथा


हिंदू नव वर्ष चैत्र नवरात्रि के पावन अवसर पर श्री अखंड परशुराम अखाड़ा के तत्वाधान में जिला कारागार रोशनाबाद जेल हरिद्वार में श्रीमद् देवी भागवत कथा के चतुर्थ दिवस कथा व्यास भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री जी ने महिषासुर मर्दिनी का चरित्र श्रवण कराते हुए बताया महिषासुर एक बहुत ही मायावी दानव था। वह ब्रह्मऋषि कश्यप और दनु का पोता और रम्भ नामक दैत्य द्वारा महिषी के गर्भ से उत्पन हुआ था।
शास्त्री जी ने बताया महिषासुर ने ब्रह्मा जी की कठोर तपस्या करके ब्रह्मा जी से वरदान प्राप्त किया ना कोई देवता न कोई मनुष्य न कोई दानव इस पृथ्वी पर इस ब्रह्मांड में मुझे कोई न मार सके अगर मेरी मृत्यु हो तो किसी स्त्री के हाथों हो ब्रह्मा जी से वरदान प्राप्त करके महिषासुर स्वर्ग लोक में देवताओं को परेशान करने लगा और पृथ्वी पर भी उत्पात मचाने लगा। उसने स्वर्ग पर एक बार अचानक आक्रमण कर दिया और इंद्र को परास्त कर स्वर्ग पर कब्ज़ा कर लिया तथा सभी देवताओं को वहाँ से खदेड़ दिया। देवगण परेशान होकर त्रिमूर्ति ब्रम्हा, विष्णु और महेश के पास सहायता के लिए पहुँचे। सारे देवताओं ने फिर से मिलकर उसे फिर से परास्त करने के लिए युद्ध किया परंतु वे फिर हार गये।


कोई उपाय न मिलने पर देवताओं ने उसके विनाश के लिए अपने अपने तेज से एक देवी को उत्पन्न किया जिस देवी को हम मां दुर्गा के नाम से जानते हैं और मां दुर्गा की पूजा आराधना करते हैं। देवी दुर्गा ने महिषासुर पर आक्रमण कर उससे नौ दिनों तक युद्ध किया और दसवें दिन उसका वध किया। इसी उपलक्ष्य में हिंदू भक्तगण दस दिनों नवरात्रि पर्व मनाते है और मां दुर्गा का पूजा पूजन करते हैं और दसवें दिन को विजयादशमी के नाम से जाना जाता है। जो बुराई पर अच्छाई का प्रतीक है। शास्त्री जी ने बताया जब पूरे नौ दिनों तक महिषासुर के साथ मां भगवती दुर्गा ने युद्ध किया दसवें दिन महिषासुर का जब अंत हो गया तब सभी देवताओं ने मां भगवती की स्तुति की और तभी से मां भगवती का नाम महिषासुरमर्दिनि पड़ गया जो भी श्रद्धालु भक्त मां दुर्गा का महिषासुर मर्दिनी के रूप में पूजा करता है मां हमेशा उसकी रक्षा करती है और समस्त मनोकामना को पूर्ण कर देती है जेल अधीक्षक मनोज आर्य जी ने बताया समय-समय पर बंदियों के सुधार के लिए सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन जेल परिसर में किया जाता है श्रीमद् देवी भागवत कथा का आयोजन भी बंदियों के आत्म कल्याण के लिए किया जा रहा है श्री अखंड परशुराम अखाड़ा राष्ट्रीय अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक जी ने बताया अखाड़े के द्वारा समाज में बढ़ रही कुरीतियों को दूर करने के लिए सामाजिक कार्यक्रमों का आयोजन अखाड़ा करता आ रहा है देवी भागवत कथा का आयोजन जेल में बंद बंदियों के आत्म कल्याण के लिए श्री अखंड परशुराम अखाड़ा करवा रहा है इस अवसर पर वरिष्ठ समाजसेवी जेपी बडोनी,अश्वनी सैनी,नरेंद्र श्रमिक, मयंक शर्मा,डॉक्टर शोभित कुमार,अश्मित कौशिक,हर्ष पंडित, आशीष,सोनू,शशिकांत

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Sory