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गुरूजनों के दिखाए मार्ग का अनुसरण करते हुए समाज की सेवा करना ही जीवन का लक्ष्य-स्वामी विवेकानंद महाराज

Bystaruknews

Jul 2, 2023

गुरूजनों के दिखाए मार्ग का अनुसरण करते हुए समाज की सेवा करना ही जीवन का लक्ष्य-स्वामी विवेकानंद महाराज
हरिद्वार, 2 जुलाई। भूपतवाला स्थित श्री आनन्द आश्रम में आश्रम के परमाध्यक्ष महंत स्वामी विवेकानन्द महाराज के संयोजन में आयोजित गुरूजन स्मृति समारोह में सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूषों ने ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी चेतनानन्द महाराज, ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी शिवानंद महाराज एवं ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी कृष्णानंद महाराज को श्रद्धासुमन अर्पित किए। ब्रह्मलीन गुरूजनों को श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए महंत स्वामी विवेकानंद महाराज ने कहा कि वे ब्रह्मलीन स्वामी चेतनानंद महाराज, ब्रह्मलीन स्वामी शिवानंद महाराज एवं ब्रह्मलीन स्वामी कृष्णानंद महाराज दिव्य महापुरूष थे। वे सौभाग्यशाली हैं कि उन्हें धर्म व अध्यात्म के प्रकाण्ड विद्वान ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी कृष्णानंद महाराज के सानिध्य में शिक्षा दीक्षा का अवसर प्राप्त हुआ। उन्होंने कहा कि पूज्य गुरूओं द्वारा दिखाए मार्ग व उनकी शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए संत समाज के आशीर्वाद से आश्रम की सेवा परंपरा का विस्तार करना ही उनके जीवन का लक्ष्य है। स्वामी रविदेव शास्त्री महाराज ने कहा कि सनातन धर्म संस्कृति के लिए जीवन समर्पित करने वाले ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी चेतनानंद महाराज, ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी शिवानंद महाराज एवं ब्रह्मलीन स्वामी कृष्णानंद महाराज का आदर्शपूर्ण जीवन सभी के लिए प्रेरणादायी है। सभी को उनकी शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए मानव कल्याण में योगदान करने का संकल्प लेना चाहिए। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी चेतनानंद महाराज, ब्रह्मलीन महामंडलेश्वर स्वामी शिवानंद महाराज एवं ब्रह्मलीन स्वामी कृष्णानंद महाराज का योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। उन्होंने कहा कि महंत स्वामी विवेकानंद महाराज जिस प्रकार गुरू परंपरांओं का पालन करते हुए संत सेवा व मानव कल्याण में योगदान कर रहे हैं। वह अत्यन्त सराहनीय है। युवा संतों को उनसे प्रेरणा लेते हुए राष्ट्र कल्याण में अपना योगदान सुनिश्चित करना चाहिए। इस अवसर पर महंत नारायण दास पटवारी, महंत सूरज दास, स्वामी शिवम महंत, स्वामी कृष्ण स्वरूप, महंत शिवम गिरी, महंत दिनेश दास, महंत जयेंद्र मुनि, महंत बलवंत दास, महंत दुर्गादास, महंत गोविंद दास, स्वामी हरिहरानंद, स्वामी सुतिक्ष्ण मुनि सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहे।

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