लोग करते रहे सनातन परंपरा का विरोध मगर युवा संत आगे बढ़ाएंगे सनातन की परंपरा दो महामंडलेश्वर का पट्टाभिषेक
सनातन परंपरा और हिंदू देवी देवताओं पर भारत देश में कुछ लोगों द्वारा आपत्तिजनक टिप्पणियां की जा रही है जिसे सनातन परंपरा को बदनाम किया जा सके तो वही संत समाज भी आगे आकर ऐसे लोगों का खुलकर विरोध कर रहा है और सनातन परंपरा को आगे ले जाने के लिए आश्रम अखाड़ों में विद्वान पढ़े-लिखे साधु-संतों की नियुक्तियां संत समाज द्वारा की जा रही है जिससे सनातन परंपरा का परचम पूरे विश्व में लहराया जा सके आज श्री पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े द्वारा दो महामंडलेश्वर का पट्टा अभिषेक किया गया

महानिर्वाणी अखाड़े के सचिव और अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी का कहना है कि नए युग की शुरुआत हो रही है अखाड़ों में युवा और पढ़े-लिखे साधु सत आ रहे हैं

आज पंचायती महानिर्वाणी अखाड़े द्वारा दो महामंडलेश्वर बनाए गए हैं एक डॉक्टर है जो वृंदावन और दूसरे पंजाब के रहने वाले हैं दोनों युवा संत है हमें आशा है सनातन परंपरा की मर्यादा रखते हुए विश्व में धर्म का प्रचार करेंगे इनका कहना है
कि धर्म के प्रचार के लिए अखाड़ों द्वारा महामंडलेश्वर का पद दिया जाता है कुंभ मेले में महामंडलेश्वर का काफी महत्व होता है सभी अखाड़ा के महामंडलेश्वर कुंभ में शाही स्नान करते हैं

महामंडलेश्वर बने युवा संतो में भी सनातन परंपरा को लेकर काफी उत्साह देखने को मिला इनका कहना है कि आज हमारे लिए काफी गर्व की बात है कि हम महामंडलेश्वर बने हमारा कर्तव्य रहेगा की सनातन परंपरा की पटाखा पूरे विश्व में लहराए नर नारायण की सेवा करना हमारा कर्तव्य है यही हमारे लिए सनातन धर्म और परंपरा है

बाइट –नवनियुक्त महामंडलेश्वर