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त्याग, तपस्या और धर्म की प्रतिमूर्ति थी ब्रह्मलीन माता शकुन्तला देवी-महंत रघुवीर दास
महंत जानकी दास महाराज बने श्री लक्ष्मी निवास आश्रम के महंत

Bystaruknews

Dec 27, 2022

त्याग, तपस्या और धर्म की प्रतिमूर्ति थी ब्रह्मलीन माता शकुन्तला देवी-महंत रघुवीर दास
महंत जानकी दास महाराज बने श्री लक्ष्मी निवास आश्रम के महंत
हरिद्वार, 27 दिसम्बर। भूपतवाला स्थित श्री लक्ष्मी निवास आश्रम में आश्रम की साकेतवासी ब्रह्मलीन महंत माता शकुन्तला देवी की स्मृति में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूषों ने उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की तथा महंत जानकी दास महाराज को तिलक चादर प्रदान कर आश्रम का महंत नियुक्त किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए महंत रघुवीर दास महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत माता शकुन्तला देवी त्याग, तपस्या और धर्म की प्रतिमूर्ति थी। आश्रम के नवनियुक्त महंत जानकी दास महाराज विद्वान संत हैं। संत समाज को आशा है कि महंत जानकी दास आश्रम के सेवा प्रकल्पों को बढ़ाने के साथ सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में अपना योगदान देंगे। कार्यक्रम में पधारे संत महापुरूषों का आभार व्यक्त करते हुए नवनियुक्त महंत जानकी दास महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत माता शकुंतला देवी का पूरा जीवन लोक कल्याण व धर्म प्रचार के लिए समर्पित रहा। उनके अधूरे कार्यो को आगे बढ़ाना और संत महापुरूषों की सेवा ही उनके जीवन का उद्देश्य है। संत समाज के सहयोग और आशीर्वाद से इस उद्देश्य को पूरा किया जाएगा। महंत सूरज दास महाराज ने कहा कि सनातन धर्म संस्कृति के संरक्षण संवर्द्धन में ब्रह्मलीन महंत शकुन्तला देवी का योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। आश्रम की सेवा परम्परा का पालन करते हुए महंत जानकी दास संत सेवा व मानव कल्याण में योगदान करेंगे। महामण्डलेश्वर स्वामी चिदविलासानंद महाराज एवं महंत गोविन्द दास महाराज ने कहा कि परमार्थ को जीवन समर्पित करने वाली महंत माता शकुन्तला देवी दिव्य संत थी। उन्होंने कहा कि समाज को ज्ञान की प्रेरणा देकर सद्मार्ग पर अग्रसर करने वाले आश्रम के नवनियुक्त महंत जानकी दास के नेतृत्व में श्री लक्ष्मी निवास आश्रम सेवा संस्कृति के प्रमुख केंद्र के रूप में विकसित होगा। इस अवसर पर महंत परमेश्वर दास, महंत सीताराम दास, महंत रामानुज, महंत राजेंद्र दास, महंत प्रह्लाद दास, महंत गुरमीत सिंह, महंत निर्मल दास, महंत प्रेमदास, महंत बिहारी शरण, महंत संतोष पुरी, महंत अंकित शरण, स्वामी चिदविलासानंद, महंत रघुवीर दास, महंत सूरज दास, महंत गोविंद दास, महंत नारायण दास पटवारी, महंत जयराम दास, पुजारी महंत गणेश दास, ज्योति प्रसाद मिश्रा, संदीप कुमार सहित बड़ी संख्या में संत महापुरूष उपस्थित रहे।

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