पूर्व विधायक संजय गुप्ता का वार झेल नहीं पाई प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशक
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक को हटाकर बद्रीनाथ विधानसभा सीट से चुनाव हारे महेंद्र भट्ट को अध्यक्ष बनाकर भाजपा ने बड़ा दाँव खेला है। वंही मदन कौशिक पर चुनाव मे अपनी ही पार्टी के कई सीटिंग प्रत्याशियों को हराने के आरोप उनकी कुर्सी जाने की बड़ी वजह बना। भाजपा के लक्सर सीट से विधायक रहे और मुख्यमंत्री धामी के नजदीकी संजय गुप्ता द्वारा चुनाव संपन्न होते ही मदन कौशिक पर उन्हें हराने के आरोप का बयान जारी होने के बाद देहरादून से दिल्ली तक पार्टी मे हड़कंप मच गया था।
उत्तराखंड भाजपा से आज सुबह सुबह ही एक बड़ी खबर आयी की प्रदेश अध्यक्ष पद से मदन कौशिक को हटाकर विधानसभा चुनाव हारे हुए महेंद्र भट्ट को नया अध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया है। इस खबर से लोग हैरान रह गए की चुनाव मे हारे हुए व्यक्ति को ही प्रदेश अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी कैसे दे दी गयीं। हालांकि उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाने की कई वजह है जो भाजपा के कई नेता बताते है। भाजपा सूत्रों के अनुसार भले ही महेंद्र भट्ट चुनाव हार गए हो मगर संगठन मे महेंद्र भट्ट की पकड़, उनकी सांगठनिक क्षमता, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की पृष्ठभूमि, और कई पदों पर बेहतर ढंग से काम करने का इनाम उन्हें प्रदेश अध्यक्ष बनाकर दिया गया है। यही नहीं महेंद्र भट्ट संघ के अनुषांगिक संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद का अध्यक्ष पद पर सफलता पूर्वक काम करना भी उनके पक्ष मे गया। पार्टी सूत्रों के अनुसार भाजपा हाई कमान द्वारा विद्यार्थी परिषद मे दायित्व निर्वहन कर चुके कार्यकर्ताओं को संगठन मे महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां दी जा रही है। इसके साथ ही उत्तराखंड मे क्षेत्रीय संतुलन के लिहाज से गढ़वाल और कुमाऊं दोनों क्षेत्रों मे उनकी पकड़ को भी हाई कमान ने महेंद्र भट्ट को अन्य दावेदारो पर तरजीह दी।
प्रदेश अध्यक्ष पद पर नियुक्त होने के बाद महेंद्र भट्ट ने उन पर भरोसा जताने के लिए पी एम, गृह मंत्री और राष्ट्रीय अध्यक्ष का आभार जताया। महेंद्र भट्ट ने कहा कि राष्ट्रीय नेतृत्व की रणनीति व मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में विधानसभा चुनावों की रिकॉर्ड जीत को हम सबको मिलकर आगे भी सभी चुनावों में कायम रखना है।
भाजपा ने महेंद्र भट्ट की प्रदेश अध्यक्ष पद पर ताजपोशी हाई कमान ने बड़ा दांव खेला है। दरअसल भाजपा ने महेंद्र भट्ट को अध्यक्ष बनाकर जातीय समीकरण के साथ ही क्षेत्रीय संतुलन भी साधने की कोशिश की है। राज्य के मुख्यमंत्री धामी कुमाऊं से जबकि महेंद्र भट्ट गढ़वाल क्षेत्र से आते है। इसके अलावा साल 2024 के लोकसभा चुनाव मे भाजपा की रणनीति फिर से पांचो सीटें जीतने की है। इसी रणनीति के तहत भी महेंद्र भट्ट को प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया है।
महेंद्र भट्ट को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया जाने के बाद मदन कौशिक ने भी महेंद्र भट्ट को शुभकामना देते हुए उन्हे राजनैतिक निरंतरता व कुशल संगठन क्षमता वाला बताया । उन्होने उम्मीद जताई, कि नवनियुक्त अध्यक्ष के कार्यकाल में पार्टी संगठन अधिक मजबूत और पार्टी की लोकप्रियता नयी ऊंचाइयों को छूएगी।
मदन कौशिक को हटाए जाने कि सुगबुगाहट पार्टी के भीतर चंपावत उपचुनाव के वक्त से ही चल रही थी। बताया जा रहा है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा ने 4 दिन पहले ही मदन कौशिक को इस्तीफा देने के लिए कह दिया था और मदन ने 3 दिन पहले ही उन्हें अपना इस्तीफा भेज दिया था। यही नहीं नया अध्यक्ष नियक्ति करने से एक दिन पहले शुक्रवार 29 जुलाई कि रात को ही हरिद्वार पुलिस ने मदन को उपलब्ध कराये गए सभी सुरक्षा कर्मी और एसकोर्ट वापस ले ली थी।
उधर मदन कौशिक को अचानक ही प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाए जाने को पार्टी के ही कुछ नेताओं और पूर्व विधायकों के उन पर चुनाव मे उन्हें हरवाने के आरोपों को भी बड़ी वजह माना जा रहा है। इसी साल विधानसभा चुनाव के संपन्न होते ही शाम को ही हरिद्वार की लक्सर विधानसभा सीट से दो बार के विधायक रहे और चौथी बार विधानसभा का चुनाव लड़ रहे संजय गुप्ता ने मदन कौशिक पर उन्हें चुनाव हरवाने के आरोप लगा कर देहरादून से दिल्ली तक सनसनी फैला दी थी। संजय गुप्ता के आरोपों के बाद राज्य के आधा दर्जन विधायकों ने भी मदन कौशिक पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। पार्टी के अन्य नेताओं ने भी अलाकमान से मदन कौशिक की चुनाव हरवाने की शिकायत की थी। यंहा तक कि मुख्यमंत्री धामी को खटीमा सीट से हरवाने के आरोप भी मदन कौशिक पर लग रहे थे। पार्टी सूत्रों की माने तो इन आरोपों को पार्टी हाइकमान ने गंभीरता से लिया और प्रदेश अध्यक्ष पर अपने ही विधायकों के आरोपों की जाँच के लिए समिति बनाई थी। माना जा रहा है की मदन कौशिक पर पार्टी की अंदरूनी जाँच मे पार्टी विरोधी काम करने के आरोप सही पाए गए। सूत्रों के अनुसार जाँच मे सामने आया था कि मदन कौशिक कि वजह से पार्टी कम से ऐसी 8 सीटें हार गयी जिन्हे पार्टी जीतने जा रही थी। उन पर बसपा और कांग्रेस के प्रत्याशियों के लिए अपनी पार्टी के प्रत्याशियों के साथ भीतरघात करने के आरोप सही पाए गए। जिनके बाद आज प्रदेश अध्यक्ष पद से उनकी छुट्टी कर दी गयीं।
पिछले 21 सालों से हरिद्वार मे भाजपा का पर्याय बने ताकतवर नेता मदन कौशिक को पहले मंत्रिमंडल से हटाया गया और अब प्रदेश अध्यक्ष पद से भी उनको चलता कर दिये जाने से उनके समर्थको मे मायूसी छा गयीं है। पार्टी के सूत्र बताते है कि अभी तो मदन कौशिक को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाया जाना पिक्चर का यह पहला पार्ट है, इसके बाद जल्द ही दूसरा और उसके बाद तीसरा पार्ट भी देखने को मिल सकता है। सूत्र तो यंहा तक बता रहे है कि इस पिक्चर मे आजकल चर्चा मे चल रही “ईडी” कि भी जल्द सीधे एंट्री हो सकती है। जानकारी तो यह भी है कि हाल ही मे मदन खेमे के शहर के 12 असरदार लोगो के पास ईडी के नोटिस पंहुच चुके है जिनमे उनसे उनकी संपत्ति का ब्यौरा व अन्य कई जानकारिया मांगी गयीं है। जिससे उनके दूसरे समर्थको मे बैचेनी और ज्यादा बढ़ गयीं है।