• Thu. Aug 7th, 2025

Star uk news

अपना उत्तराखंड

आपदा जोखिम प्रबन्धन प्रशिक्षण का आयोजन

Bystaruknews

Aug 6, 2025

आपदा जोखिम प्रबन्धन प्रशिक्षण का आयोजन

हरिद्वार 06 अगस्त 2025। डॉ. आर.एस. टोलिया उत्तराखण्ड प्रशासनिक अकादमी नैनीताल के तत्वाधान में अकादमी के महानिदेशक बीपी पाण्डे के निर्देशन, जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के मुख्य संयोजन मे जनपद हरिद्वार के आपदा की दृष्टि से संवेदनशील विकासखण्ड लक्सर के अधिकारियों, कर्मचारियों एवं आपदा में मुख्य रूप से अग्रणीय भूमिका का निर्वहन करने वाली स्वयंसेवी संस्थाओं के स्वयंसेवकों को ‘‘आपदा जोखिम प्रबंधन’’ विषय पर दो दिवसीय कार्यशाला को आयोजन कर प्रशिक्षण प्रारम्भ हुआ।
उक्त कार्यशाला के कार्यक्रम निदेशक एवं अकादमी के आपदा प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ. ओमप्रकाश ने उत्तराखण्ड में आने वाली आपदों के प्रति प्रतिभागियों को अवगत कराते हुए जागरूक किया कि आपदाओं के आने से पूर्व आपदाओं के आने के उपरान्त तथा आपदाओं के आने के बाद क्या करना चाहिये, किस प्रकार आर्थिक हानि, जन हानि एवं पशु हानि को कम किया जा सकता है। किस प्रकार स्थानीय जन समाज का सहयोग लिया जाये और क्या-क्या भूमिका आपदा सहयोगी विभागों की होनी चाहिये तथा आपदाओं में सभी सक्रिय सहभागिता पर विस्तृत जानकारियां दी गयी।
डॉ. ओमप्रकाश ने कहा कि महानिदेशक के निर्देश पर प्रशिक्षण अकादमी में प्रशिक्षण देने के अतिरिक्त संवेदनशील विकास खण्डों को चिन्हित किया गया जहां पर सबसे ज्यादा आपदायें आती हैं तथा इसी विकासखण्ड के अधिकारियों, कर्मचारियों एवं स्थानीय स्वयंसेवकों को प्रशिक्षण देना सर्वोच्च प्राथमिकता आज के परिपेक्ष्य में रखी गयी। कार्यशाला में उत्तराखण्ड में पूर्व में आयी आपदाओं में अग्रणीय रहकर उत्कृष्ठ कार्य करने वाले डॉ. नरेश चौधरी का विशेष रूप से व्याख्यान हुआ। डॉ. नरेश चौधरी ने कहा कि उत्तराखण्ड दैवीय आपदाओं एवं मानव जनित आपदाओं के मध्यनजर, भौगोलिक स्थितियों के अनुसार संवेदनशील राज्यों में आता है। इसी के तहत यहां के जन मानस को जागरूक रहना अनिवार्य है। आपदाओं को रोका नहीं जा सकता परन्तु जागरूकता से न्यून किया जा सकता है। जैसा कि पूर्व में आयी आपदाओं का इतिहास है। पहले कम संशाधन होते थे इसलिए 2013 केदारनाथ आपदा में ज्यादा जनहानि हुई परन्तु अब पूर्व की आपदाओं से सबक लेकर संशाधनों युक्त आपदा क्षेत्रों को किया गया तथा समय गवायें बिना आपदा प्रभावित क्षेत्रों में पहुंचना तथा जन मानस की जान माल की रक्षा करना आपदा में कार्य करने वाले विभागों एवं स्वयंसेवकों की प्रथम सर्वोच्च प्राथमिकता है। जिसका उदाहरण उत्तरकाशी जनपद में धराली, हर्षिल में आयी भयानक दैवीय आपदा है।
डॉ. नरेश चौधरी ने अपने अनुभवों को प्रतिभागियों से साझा किया। कार्यशाला में ग्राम विकास अधिकारी, पुलिस विभाग, राजस्व विभाग, होमगार्ड, पीआरडी, महिला मंगल दल, युवा मंगल दल, आशा कार्यकत्री, दिव्यांग प्रतिनिधि एवं सामाजिक स्वयंसेवी संस्थाओं के स्वयंसेवकों ने बढ़ चढ़कर प्रतिभाग किया। अन्त में प्रोफेसर ऋषिकुल आयुर्वेद महाविद्यालय एवं रेडक्रास चेयरमैन उत्तराखण्ड डॉ. नरेश चौधरी को सम्मानित भी किया गया।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Sory