दिव्य संत थे ब्रह्मलीन महंत मोहनदास रामायणी-स्वामी हरिचेतनानंद
हरिद्वार, 20 सितम्बर। ब्रह्मलीन महंत मोहनदास रामायणी की पुण्यतिथी पर सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूषों ने उन्हें नमन किया और भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। भूपतवाला स्थित सीताराम धाम आश्रम में आश्रम के परमाध्यक्ष महंत सूरजदास के संयोजन में आयोजित श्रद्धांजलि सभा को संबोधित करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत मोहनदास रामायणी दिव्य संत थे। सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार और लोककल्याण में उनकी सहभागिता सदैव स्मरणीय रहेगी। महंत विष्णुदास महाराज ने कहा कि संत समाज के प्रेरणास्रोत ब्रह्मलीन महंत मोहनदास रामायणी ने आजीवन समाज का मार्गदर्शन किया। उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए मानव कल्याण का संकल्प लेना ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है। महंत रघुवीर दास व महंत दुर्गादास महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत मोहनदास रामयणी त्याग, तपस्या और सेवा की प्रतिमूर्ति थे। महंत सूरजदास महाराज ने सभी संत महापुरूषों का आभार व्यक्त करते हुए ईश्वर स्वरूप गुरू के दिखाए मार्ग पर चलने वाले शिष्य का अवश्य कल्याण होता है। उन्होंने कहा कि पूज्य गुरूदेव ब्रह्मलीन महंत मोहनदास रामायणी के अधूरे कार्यो को पूरा करना और आश्रम की सेवा संस्कृति को आगे बढ़ाना ही उनके जीवन का उद्देश्य है। इस अवसर पर महंत विष्णुदास, महंत प्रेमदास, महंत रघुवीर दास, स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी चिदविलासानंद, महंत बिहारी शरण, महंत प्रह्लाददास, स्वामी हरिहरानंद, महंत नारायण दास पटवारी, स्वामी राजेंद्रानंद, स्वामी दिनेश दास, स्वामी हरिवल्लभदास शास्त्री, महंत गणेश दास, महंत जयराम दास, महंत प्रमोद दास सहित बड़ी संख्या में संत महापुरूष व श्रद्धालु भक्त मौजूद रहे।