त्याग और तपस्या की प्रतिमूर्ति थे ब्रह्मलीन महंत दूधाधारी महाराज-स्वामी ललितानंद गिरी

हरिद्वार, 10 अगस्त। ब्रह्मलीन महंत दूधाधारी महाराज की पुण्य तिथी पर भूपतवाला स्थित गुरू कृपा कुटी आश्रम के महंत प्रह्लाद दास महाराज के संयोजन में आश्रम में आयोजित श्रद्धांजलि समारोह में सभी तेरह अखाड़ों के संत महापुरूषों ने ब्रह्मलीन महंत दूधाधारी महाराज को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए महंत विष्णु दास, महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी एवं महंत प्रेमदास महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत दूधाधारी महाराज त्याग और तपस्या की प्रतिमूर्ति थे। सनातन धर्म के प्रचार प्रसार में उनका अहम योगदान रहा। महंत प्रह्लाद दास महाराज जिस प्रकार अपने गुरूदेव ब्रह्मलीन महंत दूधाधारी महाराज के अधूरे कार्यो को आगे बढ़ा रहे हैं। वह सभी के लिए प्रेरणादायी है। महंत दुर्गादास, बाबा हठयोगी, कथाव्यास स्वामी चिन्मयानंद बापू एवं स्वामी ऋषिश्वरानंद ने कहा कि ब्रह्मली महंत दूधाधारी महाराज संत समाज की दिव्य विभूति थे। उन्होंने हमेशा ही समाज का मार्गदर्शन करते हुए सनातन धर्म को आगे बढ़ाने में योगदान दिया। सभी संत महापुरूषों का आभार व्यक्त करते हुए महंत प्रह्लाद दास महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन गुरूदेव महंत दूधाधारी महाराज ने हमेशा ही समाज को धर्म और अध्यात्म की प्रेरणा दी। गुरूदेव की शिक्षाओं को उनके द्वारा दिए ज्ञान का अनुसरण करते हुए सनातन परंपरांओं को आगे बढ़ाना ही उनके जीवन का मुख्य उद्देश्य है। इस अवसर पर स्वामी रविदेव शास्त्री, महंत देवानंद सरस्वती, महंत प्रेमदास, महंत सूरज दास, श्रीमहंत रामलखन दास, महंत प्रमोद दास, कथाव्यास स्वामी चिन्मियानन्द, महंत राजेंद्र दास, महंत प्रमोद दास, महंत हरिदास, महंत जयराम दास, विकास गुप्ता सहित बड़ी संख्या में संत महापुरूष व श्रद्धालु मौजूद रहे।