सनातन धर्म की आलोचना करने वाले जल्द ही मूंह छिपाते फिरेंगे-श्रीमहंत रविंद्रपुरी
समस्त सृष्टि का केंद्र है सनातन धर्म-आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी
हरिद्वार, 24 दिसम्बर। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने संघ प्रमुख मोहन भागवत के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि सनातन धर्म की रक्षा में जुटे संघ प्रमुख मोहन भागवत जो कहते हैं, मन से ही कहते हैं। उनका यह कहना कि सनातन धर्म था, है और हमेशा रहेगा। बिल्कुल सत्य है। एसएमजेएन कालेज में आयोजित कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि सनातन धर्म की आलोचना करने वालों को जल्द ही ऐसा सबक मिलेगा कि वे मूंह छिपाते फिरेंगे और कभी सनातन धर्म का विरोध नहीं करेंगे। श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि संघ प्रमुख ने पहले भी कहा था कि हिन्दुस्तान में सनातनियों का ही डीएन है। मोहन भागवत जो कहते हैं सही कहते हैं। उन्होंने कहा कि 2024 के बाद रामराज्य की कल्पना साकार होगी। उत्तराखंड में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने पहल करते हुए यूसीसी लागू करने की पहल की है। जो इतिहास बन गया है। अखाड़ा परिषद मुख्यमंत्री की पहल का स्वागत करता है।
आनन्द पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी बालकानंद गिरी महाराज ने कहा कि संघ प्रमुख का कथन पूरी तरह सही है। चारों वेदों की ऋचाएं यह प्रमाणित करती हैं कि जब से सूर्य प्रारंभ हुआ, सृष्टि प्रारंभ हुई, तब से सनातन है। उससे पहले भी जिस धर्म का पालन किया जा रहा है। वह सनातन है। सनातन कहीं से आया नहीं है। सनातन समस्त सृष्टि का केंद्र है। हमारे अस्तित्व और व्यक्तित्व का केंद्र हैं। इसलिए सनातन पूर्णतय है और पूर्णतय हमेशा रहेगा। इसकी शाखाएं जरूर अलग-अलग हैं। परंतु पूरी सृष्टि का केंद्र सनातन ही है। संसार में जब तक सूर्य उदय होता रहेगा। तब तक सनातन धर्म को कोई मिटा नहीं सकता।
सनातन धर्म की आलोचना करने वाले जल्द ही मूंह छिपाते फिरेंगे-श्रीमहंत रविंद्रपुरी
