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आत्मरक्षा के लिए आत्मविश्वास सबसे जरूरी- आरती सैनीअपराजिता कार्यक्रम में बालिकाओं को सशक्त बनाने की पहल

Bystaruknews

Oct 6, 2023

आत्मरक्षा के लिए आत्मविश्वास सबसे जरूरी- आरती सैनी
अपराजिता कार्यक्रम में बालिकाओं को सशक्त बनाने की पहल


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स्टेट वूशु एसोसिएशन की टेक्निकल डायरेक्टर आरती सैनी ने कहा कि बालिकाओं को आत्मरक्षा के गुर सीखने से पहले अपने भीतर आत्मविश्वास पैदा करना होगा। आत्मरक्षा के लिए हिम्मत सबसे पहली शर्त है।
शुक्रवार से हरिओम सरस्वती पीजी कॉलेज धनौरी में अपराजिता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में महिला प्रोफेसर्स, कर्मचारियों और सैकड़ो छात्राओं ने प्रतिभाग किया। प्रतिभागियों को संबोधित करते हुए आरती सैनी ने कहा कि बालिकाओ को विपरीत परिस्थितियों का सामना करने के लिए पहले से ही मानसिक तौर पर तैयार होना होगा। बाल कल्याण समिति हरिद्वार की अध्यक्ष अंजना सैनी ने कहा कि बालिकाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं। जिले के अति पिछड़े इस क्षेत्र की बालिकाओं ने भी कई क्षेत्रों में प्रतिमान स्थापित किए हैं। पुलिस चौकी धनौरी के प्रभारी विनय त्रिवेदी ने कहा कि महिलाओं को सोशल मीडिया के माध्यम से होने वाले अपराधों के प्रति जागरूक रहना चाहिए। अगर सोशल मीडिया के माध्यम से कोई अपराध होता है तो उसकी सूचना तत्काल पुलिस को दें। उन्होंने छात्राओं को गोरा शक्ति एप के बारे में जानकारी दी। हरिओम सरस्वती पीजी कॉलेज प्रबंध समिति की अध्यक्ष सुमन देवी ने कहा कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने की दिशा में काम करना चाहिए। आत्मनिर्भर महिला सबसे सशक्त होती है। महाविद्यालय आन्तरिक शिकायत समिति की सदस्य डॉ. ज्योति जोशी ने कहा कि कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आंतरिक सुरक्षा समिति गठित की गई है। कोई भी महिला आंतरिक सुरक्षा समिति के माध्यम से कार्यस्थल पर होने वाले लैंगिक भेदभाव की शिकायत कर सकती है। वरिष्ठ पत्रकार सुनील दत्त पांडे ने कहा कि महिलाओं को सशक्त बनाने की दिशा में विभिन्न स्तरों पर सरकार काम कर रही है। प्राचार्य डॉ आदित्य गौतम ने अतिथियों का आभार जताया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. योगेश कुमार ने किया।
इससे पहले आंतरिक शिकायत समिति की प्रभारी आयुषी पंवार सदस्य डॉ. सुरभि सागर और डॉ. ऐश्वर्य सिंह ने अतिथियों का स्वागत किया।
इस अवसर पर डॉ. दीपमाला कौशिक, डॉ. मोनिका चौधरी, दर्शन कौर, सुनील दत्त पांडे, डा. छवि, डॉ. साक्षी शर्मा, डॉ प्रिया सैनी, संध्या त्यागी, निशा रानी, डॉ अंजु शर्मा, डॉ. अंजली, मीनाक्षी सैनी, सरिता चन्दा, मीना नेगी आदि उपस्थित थे।

अगर रास्ते में आते जाते या कार्य स्थल पर महिलाओं पर कोई टिप्पणी करता है अथवा अन्य कोई हरकत करता है तो उसका विरोध करें। किसी भी हरकत को चुपचाप सहना अपराध को बढ़ावा देना है। अपराध को सहना नहीं बल्कि उसका विरोध करना है।
-आरती सैनी

– छात्राओं को संस्कारी शिक्षा ग्रहण करनी चाहिए और अपने जीवन में संस्कारों का समावेश करना चाहिए। बालकों को भी संस्कार युक्त शिक्षा दी जानी चाहिए ताकि बालिकाओं के प्रति उनका नजरिया बदले और उनके मन में महिलाओं के प्रति सम्मान का भाव पैदा हो।
– अंजना सैनी

महिलाओं के प्रति साइबर क्राइम के मामले भी सामने आते हैं। इसलिए महिलाओं को साइबर क्राइम के प्रति सतर्क रहना चाहिए। महिलाओं को अपने अधिकारों के बारे में पता होना चाहिए। पुलिस से किसी भी स्थिति में डरे नहीं, बल्कि कोई भी अप्रिय घटना होने पर तत्काल पुलिस की सहायता लें।
-विनय त्रिवेदी, चौकी प्रभारी धनौरी

कार्यस्थल पर महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से भारत सरकार के दिशा निर्देशों के अनुरूप हर संस्थान में आंतरिक शिकायत समिति गठित की गई है। आंतरिक शिकायत समिति के माध्यम से कोई भी महिला अपनी शिकायत रख सकती है। आंतरिक शिकायत समिति उसे पुलिस सहायता उपलब्ध कराने में मदद करती है।
-आयुषी पंवार

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