• Thu. Aug 7th, 2025

Star uk news

अपना उत्तराखंड

मानव कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हैं धार्मिक अनुष्ठन-श्रीमहंत रविंद्रपुरी

Bystaruknews

Aug 16, 2023

मानव कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हैं धार्मिक अनुष्ठन-श्रीमहंत रविंद्रपुरी


हरिद्वार, 16 अगस्त। अखाड़ा परिषद अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि संत महापुरूषों के सानिध्य में किए जाने वाले धार्मिक अनुष्ठान मानव कल्याण का मार्ग प्रशस्त करते हैं। घाटा मेंहदीपुर बालाजी द्वारा श्री पार्थिवेश्रवर शिव पूजन चिंतामणि महाप्रयोग अनुष्ठन एवं श्रीमद् भागवत मूल पाठ के उपलक्ष्य में कनखल स्थित महानिर्वाणी अखाड़े की कुंभ मेला छावनी में आयोजित संत सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि घाटा मेंहदीपुर बालाजी में साक्षत विराजमान महावीर हनुमान के दर्शनों से कष्टों से मुक्ति मिलती है और परिवार में सुख समृद्धि का वास होता है। मेहंदीपुर बालाजी के पीठाधीश्वर डा.नरेशपुरी महाराज पीड़ित मानवता के कल्याण के साथ सनातन धर्म संस्कृति के उत्थान में भी महत्वपूर्ण योगदान कर रहे हैं। श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाण के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विशोकानंद भारती महाराज ने कहा कि मानव कल्याण में निस्वार्थ सेवा भाव से योगदान देना चाहिए। धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में संत समाज सदैव ही अग्रणी भूमिका निभा रहा है। धार्मिक क्रियाकलाप समाज के उत्थान में विशेष महत्व रखते हैं। उन्होंने श्रद्धालु भक्तों से कहा कि धार्मिक क्रियाकलाप ही कष्टों के निवारण का माध्यम हैं। गौ, गंगा सेवा में सभी को अपना सहयोग प्रदान करना चाहिए। आह्वान अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अरूण गिरी महाराज ने कहा कि भक्ति का मार्ग अवश्य ही मनुष्य का कल्याण करता है। सभी को संत महापुरूषों के सानिध्य में धर्म व अध्यात्म के मार्ग का अनुसरण करते हुए मानव कल्याण में योगदान करना चाहिए। घाटा मेंहदीपुर बालाजी के पीठाधीश्वर डा.नरेशपुरी महाराज ने सभी संतों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि सभी संत महापुरूष उनके लिए पूज्यनीय हैं। संत महापुरूषों की सेवा करना ईश्वर पूजा के समान है। उन्होंने कहा कि गुरू ही परमात्मा का दूसरा स्वरूप है। सभी को गुरू के प्रति निष्ठा और श्रद्धा रखते हुए उनके बताए मार्ग पर चलने से भाग्य उज्ज्वल होता है। इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी कमलानंद गिरी, महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी, कोठारी महंत जसविन्दर सिंह महाराज, कोठारी महंत राघवेंद्र दास, श्रीमहंत देव गिरी, श्रीमहंत रामेंद्र पुरी, महंत सूर्यमोहन गिरी, स्वामी कृष्णानंद, महंत गोविंददास, महंत विष्णु दास, स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी दिनेश दास, महंत रघुवीर दास, महंत गंगादास उदासीन, महंत दामोदर शरण दास सहित बड़ी संख्या में संत व श्रद्धालु उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Sory