विद्वान संत थे ब्रहमलीन स्वामी सेवानन्द गिरी-श्रीमहंत रविंद्रपुरी
बैरागी कैंप स्थित शंकराचार्य आश्रम के कोठारी स्वामी सेवानन्द गिरी महाराज के ब्रह्मलीन होने पर संत समाज ने शोक व्यक्त करते हुए उन्हें भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद एवं मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी सेवानन्द गिरी महाराज विद्वान संत थे। निरंजनी अखाड़े के संत के रूप में सनातन धर्म के प्रचार प्रसार में उन्होंने अहम भूमिका निभायी। मां गंगा मैया उन्हें अपने श्रीचरणों में स्थान दे। श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए निरंजनी अखाड़े के सचिव श्रीमहंत रामरतन गिरी महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन सेवानन्द गिरी महाराज महान संत महापुरूष थे। उनके ब्रह्मलीन होने से संत समाज व सनातन जगत को अपूर्णीय क्षति हुई है। शंकराचार्य आश्रम के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी सोमेश्वरानन्द गिरी महाराज ने कहा कि सनातन धर्म संस्कृति के उत्थान में ब्रह्मलीन स्वामी सेवानन्द गिरी महाराज ने अहम योगदान दिया। स्वामी सेवानन्द गिरी महाराज ने जीवन पर्यन्त श्रद्धालु भक्तों को धर्म संस्कृति के मार्ग पर अग्रसर करने के साथ गंगा संरक्षण के प्रति प्रेरित किया। स्वामी रविपुरी, स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी ऋषि रामकृष्ण, महंत गोविंददास, महंत रामदास, महंत रघुवीर दास, महंत सूरज दास, महंत जसविन्दर सिंह, महंत राघवेंद्र दास, महंत जयेंद्र मुनि सहित तमाम संतों ने ब्रह्मलीन स्वामी सेवानन्द गिरी को महान संत बताते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।