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जूना अखाड़े के संतों ने दी पीएम मोदी की माता हीरा बेन को श्रद्धांजलि
माता अनुसुईया का अवतार थी माता हीरा बेन-श्रीमहंत हरि गिरी

Bystaruknews

Dec 30, 2022

जूना अखाड़े के संतों ने दी पीएम मोदी की माता हीरा बेन को श्रद्धांजलि


माता अनुसुईया का अवतार थी माता हीरा बेन-श्रीमहंत हरि गिरी
हरिद्वार, 30 दिसम्बर। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की माता हीरा बेन के आकस्मिक निधन पर श्री पंचदशनाम जूना आवाड़े के नागा सन्यासियों ने भैरव घाट गंगा तट पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की।

जूना अखाड़ के अंतर्राष्ट्रीय सरंक्षक व अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि महाराज ने माता हीरा बेन को त्याग, तपस्या ममता व समर्पण की साक्षात प्रतिमूर्ति बनाते हुए कहा कि वह वास्तव में माता अनुसुईया का अवतार थी। जिन्होने कभी भी अपने पुत्रों से कोई अपेक्षा नहीं रखी। जिस प्रकार अभावो में रह कर भी उन्होंने अपने सस्कारों, शिक्षा व जीवट से परिवार का लालन पालन किया। यह उसी की परिणीति है कि देश को नरेन्द्र मोदी जैसे कालजयी प्रधानमंत्री का नेतृत्व मिला है। माता हीरा बेन का जीवन सम्पूर्ण नारी समाज के लिए एक अनुकरणीय उदाहरणर है। जिसे प्रत्येक नारी को आत्मसात करना चाहिए। दूधेश्वर पीठाधीश्वर श्रीमहंत नारायण गिरि महाराज ने श्रदांजलि अर्पित करते हुए कहा कि माता हीरा बेन का जीवन चरित्र हम सब के लिए प्रेरणा का स्त्रोत है। उनका कात्सल्य, त्याग, व संयम एक ममतामयी माँ का श्रेष्ठ रूप है। श्रीमहंत हरिगरि महाराज ने बताया कि माता हीरा बेन की आत्म शांति के लिए पौराणिक सिद्ध पीठ मायादेवी, व श्री आनंद भैरव मंदिर में विशेष पूजा अर्चना तथा शांति यज्ञ का आयोजन किया गया। इसके साथ ही जूना अखाडे की पूरे भारतवर्ष में स्थित सभी मुख्य मंदिरों बड़ा हनुमान घाटा काशी, मौजगिरी मंदिर प्रयागराज, नीलगंगा दातारन अखाड़ा उज्जैन, त्रयम्बकेश्वर नासिक, भावनाथ मंदिर जूनागढ़, वनखंडी नाथ महादेव मंदिर बरेली, खेड़ा मढ़ी पीलीभीत, बागनाथ महादेव मंदिर बागेश्वर आदि में माता हीरा बेन की शांति के लिए विशेष पूजा अर्चना, श्रद्धांजलि सभा व शांतिपाठ का आयोजन किया जा रहा है। श्रद्धांजलि सभा में राष्ट्रीय सभापति महंत प्रेमगिरी, सचिव श्रीमहंत महेश पुरी, थानापति कोठारी महंत महाकाल गिरि, श्रीमहंत पशुपति गिरी, महंत हीरा भारती, महत रतनगिरि, महंत राजगिरि, महंत राजेन्द्र गिरि, महत अमृत पुरी, महंत शिवम गिरि, श्रीमहंत सुरेशानंद सरस्वती आदि मौजूद रहे।

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